मांसाहार से ऐसी बीमारियों के आने के संकेत कि रात को बीमार हुए और सुबह खत्म- सन्त उमाकान्त जी महाराज
आज देश में शराब बंद हो जाए तो 50% अपराध और भ्रष्टाचार तुरंत कम हो जाएगा
कलम मेरी पहचान | बालोद, छत्तीसगढ़ अपने मुख्य आश्रम उज्जैन से आए हुए, भूत, वर्तमान तथा भविष्य की जानकारी रखने वाले इस वक्त के समर्थ संत सतगुरु, दु:खहर्ता बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बालोद (छ०ग०) में सतसंग सुनाते हुए बताया कि आज कितना जप-तप, पूजा-अनुष्ठान हो रहा है, मंत्र पढ़कर करके देवताओं को लोग खुश करते हैं, लेकिन देवता खुश नहीं हो रहे हैं। नतीजतन न समय पर जाड़ा, न गर्मी और न ही समय पर बरसात हो रही है। सतयुग में यह था कि एक बार लोग बुवाई करके चले आते थे, जब जरूरत पड़ती थी बादल आकर के बरस जाते थे। त्रेता में मांगने पर पानी मिलता था लेकिन अब तो सबके सब नाराज हैं। इसका कारण क्या है ? लोग मांस, मछली, अंडा खा लेते हैं और उसी का खून बनता है। क्योंकि जो चीज आदमी खाता है खून उसी का बनता है, वही खून रग- रग में है। जिस शरीर से फूल पत्ती प्रसाद चढ़ाते हैं, हवन, यज्ञ, जप-तप करते हैं, जिससे स्तुति करते हैं, श्लोक बोलते हैं, उसी शरीर में तो गंदा खून है।
आने वाले खराब समय के लिए चेतावनी
बच्चा जब पैदा होता है, शाकाहारी खून होता है। जब मांस, मछली, अंडा जैसी गंदी चीजों को खा लेते हैं तो खून बेमेल हो जाता है, तरह-तरह की बीमारियां हो जाती हैं। अभी तो ऐसी-ऐसी नई बीमारियां आएंगी कि ये कोरोना आदि सब पीछे हो जाएगा, चट मंगनी, पट ब्याह। जैसे कहते हैं कि रात को बीमारी हुई और सवेरा नहीं देखेंगे, ऐसी- ऐसी बीमारियां आने का संकेत मिल रहा है।*शराब इतनी नापाक है इसको गंगाजल में भी बनाया गया हो तो नहीं पीना चाहिए*आप मांस, मछली, अंडा मत खाना, शराब मत पीना। क्योंकि यह पीने वाली चीज नहीं है l। मुसलमानो की किताबों में लिखा है कि एक कतरा भी शराब का अगर जिस्म पर पड़ जाए तो काट करके फेंक देना चाहिए, इतनी नापाक चीज है। और हिंदुओं के धार्मिक ग्रन्थ में लिखा है कि –
गंगाजल कृत बारुन जाना। तदपि न संत करें तेहि पाना।।
अर्थात् गंगाजल जैसे जल में भी अगर शराब बनाई गई हो तो भी नहीं पीना चाहिए।
बच्चो का ध्यान रखें कही नशे की लत में पड़कर गाड़ी न लड़ा दें,एक दूसरे के ऊपर शराब की बोतल मार करके न मर जाएँ
शराब के नशे में देखो कितने अपराध हो रहे हैं । अगर शराब आज बंद हो जाए तो 50% अपराध तुरंत कम हो जाएंगे, भ्रष्टाचार और अपराध की यह जननी है। अब तो नशे की गोलियां चल गई, पाउडर चल गए। अगर बच्चों का ध्यान नहीं रखोगे तो इनकी जवानी खत्म हो जाएगी, कोई जरूरी नहीं कि ये बुढ़ापा देख पाएं। आपने इनको पाला- पोसा, पढ़ाया-लिखाया कि दो रोटी बुढ़ापे में हमको खिलाएंगे, हमारी सेवा करेंगे। लेकिन कोई जरूरी नहीं है कि ये सेवा कर ही पाएंगे, कहीं आपसे पहले न चले जाएं, रोगी हो जाएं, कहीं ट्रेन-बस के नीचे कट न जाएं। कहीं ये शराब के नशे में गाड़ी न लड़ा दें, एक दूसरे के ऊपर बोतल मार करके, सिर फोड़ करके खुदा के प्यारे न हो जाएं इसलिए ध्यान रखने की जरूरत रहेगी। बच्चों ये सब बातें इसलिए बता रहा हूं कि आपके जीवन की उपयोगी बातें हैं आपके काम आएंगी।