महाशिवरात्रि के अवसर पर, हजारों की संख्या में हुआ ज्ञान गंगा और गीता तेरा ज्ञान अमृत पुस्तकों का वितरण
संजय सिसोदिया (कलम मेरी पहचान)
मध्य प्रदेश के देवास जिले की तहसील बागली, में महाशिवरात्रि के अवसर पर, संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित आध्यात्मिक पुस्तकों का प्रचार उनके अनुयायियों द्वारा जोरों शोरों से किया गया। बागली तहसील के प्रसिद्ध जटा शंकर मंदिर पर लगने वाला 5 दिवशीय मेले में संत जी के अनुयायियों द्वारा ज्ञान गंगा और जीने की राह व गीता तेरा ज्ञान अम्रत पुस्तकों को लोगों तक पहुंचाया गया।महाशिवरात्रि के पर्व पर इन मंदिरों में परमात्मा को चाहने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई थी इन श्रद्धालुओं के बीच जाकर संत जी के शिष्यों द्वारा पुस्तकों का वितरण किया गया। संत जी के शिष्यों द्वारा इन पुस्तकों को लेकर लोगों के बीच जाकर उनसे प्रश्न किए गए कि क्या आप जानते हैं शिव और महाशिव में क्या अंतर है? शिवजी को प्रसन्न करने का वास्तविक मंत्र कौन सा है?और लोगों को बताया गया कि इन पुस्तकों में इन सभी प्रश्नों के जवाब प्रमाण सहित दिए गए हैं। श्रद्धालुओं द्वारा भी इन पुस्तकों को लेने की उत्सुकता देखी गई वह इन सभी आध्यात्मिक प्रश्नों के जवाब जानना चाहते थे। आध्यात्मिक प्रश्नों के जवाब को जानने की इच्छा ने लोगों को इन पुस्तकों ने अपनी ओर खींचा और हजारों की संख्या में इन पुस्तकों का वितरण किया गया। समाज के प्रत्येक वर्ग को देखते हुए बहुत ही कम दामों पर इन पुस्तकों को दिया गया जिससे सभी वर्गों के लोग इनको ले सकें और अपना आत्म कल्याण कर सके।संत जी के अनुयायियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इन पुस्तकों में प्रमाणित आध्यात्मिक ज्ञान छुपा हुआ है जिससे लोगों को लाभ प्राप्त होता है। लोगों के बीच व्याप्त बुराइयों जिनमें नशा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार, मांसाहार ,दहेज प्रथा ,भ्रूण हत्या आदि शामिल है सभी से मुक्त हो जाता है।