रतन टाटा का निधन, नही रहे देश के रतन, 10 बजे से 4 बजे तक अंतिम दर्शन
रिपोर्ट – कलम मेरी पहचान
टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार रात इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। 86 साल की उम्र में देश और दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने और खुद क स्वस्थ बताया था। रतन टाटा के निधन पर राजनीतिक जगत से कई लोगों ने दुख जताया। इनमें पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी सहित कई दिग्गज शामिल हैं।
सरकार की तरफ से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह
रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सरकार की ओर से गुरुवार को दिग्गज उद्योगपति और परोपकारी रतन नवल टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति के भाई नोएल से बात कर संवेदना व्यक्त की है। दूरदर्शी कारोबारी नेता के रूप में जाने जाने वाले भारतीय समूह टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने टाटा के निधन की पुष्टि की और एक बयान में उन्हें अपना ‘मित्र, गुरु और मार्गदर्शक’ बताया।
वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे– अमित शाह केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रतन टाटा के निधन पर कहा कि मशहूर उद्योगपति और सच्चे राष्ट्रवादी, रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने अपना जीवन निस्वार्थ भाव से हमारे देश के विकास के लिए समर्पित कर दिया। हर बार जब मैं उनसे मिला, तो भारत और इसके लोगों के भलाई के प्रति उनका उत्साह और प्रतिबद्धता मुझे चकित कर देती थी। हमारे देश और इसके लोगों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने लाखों सपनों को खिलने में मदद की। समय रतन टाटा जी को उनके प्यारे देश से दूर नहीं ले जा सकता। वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। मेरी संवेदना टाटा ग्रुप और उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ है। ओम शांति शांति शांति
रतन टाटा का अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट रतन टाटा के निधन के बाद उनसे जड़ी कई बातें अब लोग याद कर रहे हैं। अपने निधन से दो दिन पहले रतन टाटा ने एक भावुक पोस्ट डाली थी। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि शुक्रिया, आप हमारे बारे में सोचते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी दी थी। उन्होंने दो दिन पहले कहा था कि वह बिल्कुल ठीक हैं और अपने रेगुलर चेकअप के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल आए हैं।
रतन टाटा को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि टाटा समूह के सर्वेसर्वा रहे रटन टाटा को पीएम मोदी, रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने लिखा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी व्यापारी नेता, एक दयालु व्यक्तित्व और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापार घरों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से बहुत आगे निकल गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का दिल जीता।
रतन टाटा का निधन एक युग का अंत- एस जयशंकरविदेश मंत्री एस जयशंकर ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है। वे भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण से गहराई से जुड़े थे। और इससे भी अधिक इसके वैश्वीकरण के साथ जुड़े थे। उनके साथ कई मौकों पर बातचीत करने का मेरा सौभाग्य था और उनके दृष्टिकोण और अंतर्दृष्टि से लाभान्वित हुआ। उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। ओम शांति।
देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान– देवेंद्र फडणवीस उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रतन टाटा जी बहुत ही सफल उद्योगपति तो थे ही लेकिन उससे भी बड़े व्यक्ति के रूप में हम उन्हें देखते हैं। उन्होंने देश और समाज के लिए काम किया है। उन्होंने केवल सफल उद्योग नहीं बल्कि एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया जिसने हमारे देश को एक वैश्विक पहचान दी, देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है।
10 बजे से दोपहर 3:30 तक कर सकेंगे पार्थिव शरीर के दर्शन मुंबई पुलिस के दक्षिण क्षेत्र के अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख ने कहा, ‘सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक रटन टाटा पार्थिव शरीर दर्शन के लिए NCPA में रखा जाएगा। जो भी लोग दर्शन के लिए आएंगे उनसे अपील है कि वहां पार्किंग की सुविधा नहीं है तो उन्हें पुलिस के निर्देशों का पालन करना होगा और अपनी पार्किंग की व्यवस्था देख कर आएं, पुलिस पूरी तरह से तैनात रहेगी।
एक समाजसेवी भी थे। उन्होंने टाटा समूह में सामाजिक उत्तरदायित्व को हमेशा प्रमुखता दी। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने टाटा नैनो जैसी किफायती कार का सपना पूरा कर भारत के मध्यम वर्ग के लोगों को वहन करने योग्य वाहन का तोहफा दिया। रतन टाटा ने हमेशा सादगी और विनम्रता को अपनाया। उनके नेतृत्व की विशेषता है नैतिकता, दीर्घकालिक दृष्टिकोण और कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता। रतन टाटा ने कई बार जोर देकर कहा, ‘आप व्यवसाय केवल लाभ कमाने के लिए नहीं करते, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए भी करते हैं।
कहां हुआ जन्म, कैसे छुआ सफलता का शिखर?रतन टाटा का जन्म साल 1937 में प्रतिष्ठित टाटा परिवार में हुआ था। रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल और बाद में जॉन कैनन स्कूल से की। मैनेजमेंट की पढ़ाई हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से की थी। उन्हें उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। रतन टाटा 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने 4 महीने अंतरिम चेयरमैन की भूमिका भी निभाई थी। उनकी उपलब्धियों में 1 लाख रुपये की कार नैनो लॉन्च, फोर्ड समूह की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी जगुआर और लैंड रोवर खरीदना सहित और शामिल हैं। टाटा का मार्केट कैपिटल देश में सबसे अधिक है। यह रतन टाटा द्वारा कंपनी में किए गए बदलावों के कारण ही संभव हुआ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया कि भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर देर रात लाया गया था। बता दें कि रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 साल के थे।
दो दिन पहले ही दिया था हेल्थ अपडेट नियति का खेल ही कहिए कि रतन टाटा ने अपने निधन से दो दिन पहले ही अपने स्वास्थ्य को लेकर बड़ा अपडेट दिया था। उन्होंने बताया था कि वह अपने उम्र संबंधी परेशानियों के चलते हेल्थ चेकअप करवाने गए हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। इसी दौरान एक बयान भी जारी हुआ था, जिसमें लिखा था कि मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते रेगुलर मेडिकल चेकअप करवा रहा हूं। उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है। उन्होंने लोगों और मीडिया से अफवाह न फैलाने और उसपर ध्यान न देने की अपील की थी।
राहुल गांधी ने रतन टाटा के निधन पर क्या बोले? कांग्रेस सांसजद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रतन टाटा के निधन पर लिखा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। रतन टाटा ने व्यापार और परोपकार दोनों क्षेत्रों में अपनी स्थायी छाप छोड़ी। राहुल ने आगे लिखा कि मेरी संवेदना उनके परिवार और टाटा समुदाय के साथ है।
कठिनाइयों से भरा बचपन रतन टाटा का जन्म साल 1937 में मशहूर टाटा परिवार में हुआ था। उनके जन्म के बाद उन्हें कई कठिनाइयों से रूबरु होना पड़ा। जब रतन टाटा 10 साल के थे तब, उनके माता-पिता उनसे अलग हो गए थे। इसके बाद दादी ने उनको पाला पोसा। हालांकि इस घटना ने उन्हें और समझदार बनाया।
रतन टाटा ने कहा देश को अलविदा, देर रात ली अंतिम सांसभारत के महान उद्योगपति और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रहे रतन टाटा ने बुधवार देर रात इस जहां को अलविदा कह दिया। उन्हें खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार शाम यह खबर थी कि उन्हें गंभीर हालत में आईसीयू में एडमिट कराया गया था। उसके बाद से ही उनकी हालत पर नजर रखी जा रही थी। उनके निधन से पूरा देश गमगीन है