जिला अस्पताल में खत्म हुई मानवता, जबर्दस्ती महिलाओं की हो रही ऑपरेशन से डिलेवरी
हेमन्त व्यास l कलम मेरी पहचान
शिवपुरी जिला अस्पताल मे महिलाओं के ऑपरेशन से डिलेवरी कराने का मामला कोई नया या चौकाने वाला नही है, और ऐसा पढ़कर कोई शायद ही अचंभित हुआ होगा कि किसी महिला की डिलिवरी ऑपरेशन से हुई ।
हम आपको विस्तार से इसके बारे में बताते है, में हेमन्त व्यास दैनिक कलम मेरी पहचान ब्यूरो चीफ मेरी स्वयं की भांजी की डिलेवरी होनी थी जिसको 7/7/24 को 8वें महीने में दर्द होने पर जिला अस्पताल लेकर आये तो भर्ती कर लिया गया और अगले दिन महिला डॉक्टर नीरजा शर्मा जी के कहने पर हमारे पेशेंट को खाना बगैरह खाने की मना कर दिया गया कि इन्हें कुछ खाने को नही देना है वंशिका का ऑपरेशन होगा, उस समय पेशेंट के साथ उसकी सास थी जो कि गाँव से आई थी ज्यादा कुछ समझ नही पायीं उन्होंने हमसे फोन पर बताया कि आप सभी आ जाओ ऑपरेशन की बोल रही हैं डॉक्टर, जब हमने अस्पताल पहुंचकर यह सब जानना चाहा तो आप सभी अच्छे से परिचित हैं कि जिला अस्पताल के स्टाफ का वँहा की नर्सों ओर बाइयों का बोलने का तरीका कैसा है कोई भी ढंग से बात नही करता , कोई भी ठीक से किसी भी बात का जबाब ठीक ढंग से नही देता है , ऐसे खिसिया कर डांटते है जैसे उसने बहुत बड़ा अपराध कर दिया हॉस्पिटल आकर ,उसी समय हमने अनुभवी बुजुर्ग महिलाएं ( दाईयों ) से सलाह ली तब सभी ने छुट्टी करा कर घर लाने की सलाह दी कि अभी समय है डिलेवरी में आप बिटिया को घर ले आओ यदि वंही पड़े रहोगे तो आपकी बेटी का ऑपरेशन होने से कोई नही रोक पायेगा,
अब एक ओर धर्मसंकट में फंस गए हम कि हॉस्पिटल ड्यूटी स्टाफ छुट्टी न करे भयभीत कर दें कि अपनी मर्जी से ले जा रहे हो कुछ हो जाएगा कौन जिम्मेदार होगा, छुट्टी के पेपर पर्चे बगैरह वापिस न करें , ऐसी कंडीशन में मायका पक्ष और ससुराल पक्ष दोनों परिवारों के बीच का तालमेल ठीक से नही बैठता आप सभी विदित होंगे कि क्या करे क्या न करें ,हम अपनी रिस्क पर सारे पर्चे बगैरह वंही छोड़ आये , ओर 8/7/24 को बिटिया को घर ले आये आज पूरा एक माह होगया ,इसी एक माह के बीच मे हमने अपनी तस्सली के लिए मेडिकल कॉलेज में भी भांजी को दिखा लिया था सब नॉर्मल था किसी ने कोई परेशानी नही बताई।
उसी दिन से आज दिनांक 5/8/24 को लगभग 30 दिन बाद पुनः दर्द होने पर फिर से जिला अस्पताल लेकर गए सभी भर्ती बगैरह के पर्चे पुनः बनवाये जैसे ही जंहा नर्सिंग स्टाफ बगैरह फस्ट टाइम प्रसूता को देखतीं है वँहा हमारे पेशेंट का बी.पी.बगैरह चैक किया और मेडिकल कॉलेज जाने को बोल दिया कुछ समय बाद जब नीरज मेडम स्वयं वँहा आईं और पेशेंट को बड़े गौर से देखतीं हैं मानो की पेशेंट को बहुत पहले से जानती हैं फिर बोलतीं हैं की आपको तो मेडिकल के लिए बोल दिया है जाओ आपका ऑपरेशन होगा और बी.पी बड़ा है,डॉक्टर नीरजा शर्मा जी ने बिना रेफर पर्चे के पेशेंट को वँहा से मेडिकल के लिए रवाना कर दिया जब डॉक्टर नीरजा शर्मा जी से एम्बुलेंस जो कि लाडली बहिनो के लिए फ्री सेवा है उसकी कहा तो उसके लिए भी मना कर दिया की नही है ,कोई बात नही हमे तो कैसे भी करके पेशेंट को ले जाना था हम मेडिकल कॉलेज लेकर गए, हम जैसे ही मेडिकल कॉलेज पहुंचे वँहा के स्टाफ ने हाथों हाथ सारी प्रोसेस बताई डॉक्टर शैली सेंगर जी और उनकी पूरी टीम ने फटाफट पेशेंट के ब्लड टेस्ट बगैरह करवाये ,ओर एक ही बात बोलता रहा पूरा महिला स्टाफ की हम 99% नॉर्मल डिलेवरी कराने की कोशिश करेंगे और हुआ भी ऐसा ही 3 बजकर 22 मिनिट पर नॉर्मल डिलेवरी हुई स्वस्थ कन्या को जन्म दिया , हम मेडिकल कॉलेज के डीन साहब को , डॉक्टर शैली सेंगर जी ओर उनकी समस्त टीम को ह्रदय से धन्यवाद देते हैं ,जिन्होंने बहुत बढ़िया तरीके से उस डिलेवरी को नॉर्मल करा दिया बिल्कुल सेम ऐसा ही मामला एक युवक भरत सेन की पत्नी के साथ हुआ उसकी भी मेडिकल कॉलेज पहुंच कर नॉर्मल डिलेवरी हुई सोचो वह भी शैली मेडम को बहुत बहुत धन्यवाद दे रहा था, सोचो जिसे एक माह पहले डॉक्टर नीरजा शर्मा जी सिजीरियन से करवा रहीं थीं ,वह एक माह बाद नॉर्मल हुई,
नीरजा शर्मा डॉक्टर वही डॉक्टर हैं जिन्हें पूरे मध्य्प्रदेश में सबसे ज्यादा सिजीरियन करने का खिताब मिला है,
ओर सूत्रों से यह भी जानकारी प्राप्त हो रही है, कि इनके पति एक सर्जन डॉक्टर है न कि गायकनलोस्टिक जो स्वयं बच्चेदानी का ऑपरेशन कर देते हैं जो कि कन्हि से कन्हि तक जायज नही है इसका खिताब भी इन्हीं डॉक्टर को प्राप्त है । आप सभी ने सुना होगा कुछ समय पूर्व सिद्धिविनायक हॉस्पिटल में फर्जी गर्वपात के करने का विवाद छिड़ा था उस समय यह डॉक्टर नीरजा शर्मा नवजीवन हॉस्पिटल में बतौर अडॉप्ट पर थीं ।
जिला चिकित्सालय में एक माह के अंतर्गत 90 सिजीरियन के बाद जो भी सीजर होंगे उनमें पर सीजर 1500 के हिसाब से सीजर करने वाले डॉक्टर को मिलता है,यही वजह है जो रात दिन महिलाओं के पेट काटे जा रहे हैं एक कहावत है कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है और वास्तव में यह सच्चाई है ,लेकिन इन महिला डॉक्टर को क्या कहें भगवान या शैतान ।। जब यह पूरा वाक्या शोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचा तब एक एक करके लोगों का गुस्सा फूटने लगा और जिन लोगों के साथ पहले इन्ही डॉक्टर नीरजा शर्मा के हाथों जनहानि हुई है वह भी अपना दुःख रो रहे थे । यदि हमारी तरह आप भी इन्हीं डॉक्टर या अन्य किसी महिला डॉक्टर से प्रताड़ित हुए हैं या हो रहे हैं तो हमे जरूर बताएं ।।
विशेष अनुरोध :- श्री मान जिलाधीश जी और CMHO श्री पवन जैन जी कृपया आप इस तरह महिलाओं के शरीर से हो रहे खिलवाड़ पर प्रतिबंध लगाए और अतिविशेष कंडीशन में ही सिजीरियन हो इसके लिए समझाइश दें ।