कलेक्टर प्रवीण सिंह की अभिनव पहल”ऑयल बॉल को बनाकर हथियार, मलेरिया-डेंगू को भगाएंगे इस बार” अभियान
नसरुल्लागंज से पत्रकार अनीस खांन मध्य प्रदेश ब्यूरो चीफ कलम मेरी पहचान
ऑयल बॉल ठहरे हुए पानी में डेंगू-मलेरिया नियंत्रण का कारगर उपाय
जिले में बनाई जा रहीं है 60 हजार से अधिक ऑयल बॉल
ऑयल बॉल अभियान 16 जुलाई 2024 से प्रारंभ
16 जुलाई को प्रातः 10 से 11 बजे के बीच डाली जाएगी ऑयल बाल
डेंगू-मलेरिया के नियंत्रण में आमजन से सहयोग की कलेक्टर ने की अपील
सीहोर, 14 जुलाई, 2024
जिले में डेंगू-मलेरिया पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह की पहल पर “ऑयल बॉल को बनाकर हथियार, मलेरिया डेंगू को भगाएंगे इस बार'” अभियान 16 जुलाई को पूरे जिले में एक साथ शुरू किया जाएगा। कलेक्टर सिंह ने बताया कि ठहरे हुए पानी में मलेरिया और डेंगू के मच्छरों के लार्वा नियंत्रण के लिए ऑयल बॉल सबसे सस्ता और कारगर उपाय है। उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र में अभियान के रूप में 16 तारीख को एक साथ पूरे जिले में ठहरे हुए पानी में 60 हजार से अधिक ऑयल बॉल डाली जाएंगी। उन्होंने बताया कि ऑयल बॉल लकड़ी के बुरादे, खराब ऑयल और अनुपयोगी कपड़ों से तैयार की जाती है।
60 हजार से अधिक ऑयल बॉल की जा रही है तैयार
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बताया कि मच्छरों की बढ़ती संख्या के नियंत्रण लिए 16 जुलाई को पूरे जिले में "आयल बॉल को बनाकर हथियार मलेरिया डेंगू को भगायेगे इस बार" अभियान को मूर्त रूप देने के लिए 60 हजार ऑयल बॉल तैयार की जा रही हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 100-100 ऑयल बॉल तैयार करने का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। जिले की 542 ग्राम पंचायतों में 54,000 हजार से अधिक तथा जिले की सभी नगरीय क्षेत्रों में 6,000 से अधिक ऑयल बॉल बनाने का काम तेजी से चल रहा है
इस तरह बनाई जाती है ऑयल बॉल
कलेक्टर सिंह ने बताया कि वर्षा काल में मच्छर जनित बिमारियों के नियंत्रण के लिए एवं मच्छरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रण हेतु जले हुए तेल/ मोटरआईल से निर्मित बॉल (गेंद) बनाई जाती है। यह बाल लकड़ी के बुरादे को सूती कपड़े में लपेटकर और फिर जले हुए तेल में भिगोकर बनाई जाती है। इस बाल को जहां भी पानी भरा हुआ हो जैसे - गड्डो में, नाले में, खाली प्लाट में या ऐसी सभी जगह जहां पानी की निकासी लम्बे समय तक न हो सके वहां पर फेंका जाता है ।
ऐसे काम करती है ऑयल बॉल
लकड़ी के बुरादे, सूती कपड़े और जले हुए तेल से तैयार की गई ऑयल बॉल गड्डो में, नाले में, खाली प्लाट में या ऐसी सभी जगह जहां पानी की निकासी लम्बे समय तक न हो सके वहां पर डाला जाता है। ऑयल बॉल से तेल निकल कर पानी के पूरे सतह को कवर कर लेता है । जिससे मच्छर के किसी भी प्रकार के लार्वा को सांस लेने हेतु आक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिससे वह पनप नहीं पाता है।
16 जुलाई को प्रातः 10 से 11 बजे के बीच डाली जाएगी ऑयल बाल
कलेक्टर सिंह ने बताया कि 16 जुलाई को समस्त ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्रों में प्रातः 10 बजे से अभियान के रूप में प्रारंभ किया जायेगा तथा 15 दिवस पश्चात इस प्रक्रिया को पुनः दोहराया जाएगा। ग्राम पंचायत तथा नगरीय निकायों का अमला ऑयल बाल का निर्माण कर ठहरे हुए पानी में डालेगा।
आम नागरिकों से कलेक्टर सिंह ने की अपील
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने आमजन से अपील की है की बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव के लिए गंदे पानी की उचित निकासी करें। घरों के आसपास गंदा पानी जमा न होने दें। जमा हुए पानी में जला हुआ आयल या ऑयल बॉल डालें, जिससे लार्वा न पनप सके। उन्होंने कहा कि सबसे किफायती ऑयल बॉल का उपयोग कर डेंगू मलेरिया के नियंत्रण में सहयोग प्रदान करें।