करवा चौथ व्रत को पाखंड बताते हुए संत रामपाल महाराज के अनुयायियों ने सोशल मीडिया पर किया जागरूकता अभियान,
सतभक्ति को बताया दीर्घायु व पुर्ण मोक्ष का असली रास्ता*”सोशल मिडिया पर छाया संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान”
मुकेश देवल। कलम मेरी पहचान
उज्जैन, मध्यप्रदेश । 20 अक्टूबर 2024 – करवा चौथ के अवसर पर, जहां महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर प्रार्थना कर रही थीं, संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने इस प्रथा को चुनौती देते हुए इसे पाखंड करार दिया।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर *#करवाचौथ_है_पाखंड_पूजा* हैशटैग के तहत चलाए गए इस अभियान ने काफी तेजी से लोगों का ध्यान आकर्षित किया और कुछ ही समय में यह टॉप ट्रेंड बन गया। अनुयायियों ने इस अभियान के माध्यम से धर्मशास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि व्रत या उपवास रखने से किसी की आयु नहीं बढ़ती। इसके विपरीत, केवल सतभक्ति ही ईश्वर की कृपा से दीर्घायु का मार्ग है।संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने गीता के अध्याय 6 श्लोक 16 का हवाला देते हुए कहा कि शास्त्रों में व्रत-उपवास रखने को अनुचित बताया गया है। इसके साथ ही सामवेद मंत्र संख्या 822 और ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 का उल्लेख कर यह स्पष्ट किया गया कि कबीर परमात्मा (कविर्देव) ही सही साधक की उम्र बढ़ाने की शक्ति रखते हैं।भक्त मुकेश दास देवल ने इस अभियान के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “संत रामपाल जी महाराज समाज को सच्चे ज्ञान से परिचित कराने का कार्य कर रहे हैं। करवा चौथ जैसे व्रत, जिनका कोई शास्त्रों में आधार नहीं है, केवल अंधविश्वास हैं। असली सुरक्षा और लंबी उम्र केवल सतभक्ति से प्राप्त की जा सकती है, जैसा कि वेदों और गीता में वर्णित है।”संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी इस प्रकार के धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर लगातार जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि समाज शास्त्रों के आधार पर सच्चे धर्म और भक्ति को पहचाने और पाखंड से दूर रहे।भवदीयमुकेश दास देवल